December 25, 2024

जब दूसरे देशों की पहचान वहां के राज्य थे, तब भारत को यहां के गुरुकुलों से पहचाना जाता था: पीएम मोदी

0
FkuKBHQaEAEBPAp

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ को वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी कीं। पीएम मोदी ने  स्वामीनारायण गुरुकुल के 75 वर्षों की यात्रा पूरी होने के अवसर पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि देश आजाद होने के बाद हम पर जिम्मेदारी थी कि शिक्षा के क्षेत्र में हम अपने प्राचीन वैभव और महान गौरव को पुनर्जीवित करें। स्वामीनारायण गुरुकुल इसी गौरव का उत्कृष्ट उदहारण है।

उन्होने कहा कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट की यात्रा के 75 वर्ष ऐसे कालखंड में पूरे हो रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस गुरुकुल ने छात्रों के मन-मस्तिष्क को अच्छे विचारों और मूल्यों से सींचा है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। जिस कालखंड में दुनिया के दूसरे देशों की पहचान वहां के राज्यों और राज-कुलों से होती थी, तब भारत को भारतभूमि के गुरुकुलों से पहचाना जाता था। खोज और शोध भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हमारी गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे।

पीएम ने कहा कि जब विश्व में लैंगिक समानता जैसे शब्दों का जन्म भी नहीं हुआ था उस समय हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। महृषि वाल्मीकि के आश्रम में आत्रेयी भी पढ़ रही थीं। मुझे खुशी है कि स्वामीनारायण गुरुकुल इस पुरातन परंपरा को, आधुनिक भारत को आगे बढ़ाने के लिए ‘कन्या गुरुकुल’ की शुरुआत कर रहा है। मैं इसके लिए आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed