December 24, 2024

सेना की बैरक वापसी का प्रतीक होती है ‘ बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी

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The Band performing at the ‘Beating Retreat’ ceremony, at Vijay Chowk, in New Delhi on January 29, 2018.

देहरादून: गणतंत्र दिवस दिवस का सेलिब्रेशन सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि 4 दिन का होता है। हालांकि साल 2022 में आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्‍सव अंतर्गत मनाया गया। वहीं 23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन से गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की गई। गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को परेड के अंतर्गत देश की शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। और 29 जनवरी को इस दिवस का समापन होता है। जिसे बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी कहा जाता है। यह आधिकारिक रूप से मनाया जाता है।

बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी, सेना की बैरक वापसी का प्रतीक होती है। यह परंपरा समूची दुनिया में होती है। जब सेनाएं युद्ध के दौरान सूर्यास्‍त के बाद हथियारों को रखकर अपने कैंप में लौटती है, तब एक संगीतमय समारोह होता था। इसे बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी कहा जाता है।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में तीनों सेवाएं शामिल होती है। तीनों सेनाएं एक साथ मिलकर मार्च धुन बजाते हैं और ड्रूमर्स कॉल का प्रदर्शन होता है। इस दौरान महात्‍मा गांधी की पसंदीदा धुन ‘Abide With me’ बजाई जाती है। हालांकि साल 2022 में इसे हाट दिया गया है। इस बार 26 धुन बजाई जाएगी। इस बार बीटिंग रिट्रीट की शुरूआत बिगुल पर फनफेयर धुन के साथ होगी। इसके बाद समारोह में मास बैंड वीर सैनिक गीत और पाइप्‍स बैंड और ड्रम्‍स बैंड 6 धुन बजाएंगे। केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल 3 धुन बजाएंगे और एयरफोर्स का बैंड 4 धुन प्‍ले करेगा। और फ्लाइट लेफि्टनेंट एल.एस. रूपाचंद्रन की तरफ से खास लड़ाकु धंध भी प्रस्‍तुति शामिल होंगी। इसके बाद नेवी फोर्स 4 धुन बजाएंगा। इसके बाद आर्मी बैंड 3 धुन बजाएंगा। सारे जहां से अच्‍छा हिंदुस्‍तान हमारा के साथ सारे धुन की समापन होगा।

दरअसल, राष्‍ट्रपति तीनों सेनाओं के अध्‍यक्ष होते हैं। इस सेरेमनी के माध्‍यम से सेनाएं राष्‍ट्रपति से आयोजन को समाप्‍त करने की अनुमति लेती है। साथ ही इस परंपरा के तहत सैनिकों की उस पुरानी पंरपरा की भी याद दिलाता है, जिसमें सैनिक दिनभर युद्ध के बाद शाम को आराम करने के लिए लौटते थे।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी ब्रिटेन की बहुत पुरानी परंपरा है, इसका असल नाम है वॉच सेटिंग। और यह सूर्यास्‍त के समय मनाया जाता है। भारत में इस सेरेमनी की शुरूआत सन 1950 से हुई। इसके बाद से यह परंपरा जारी है। हालांकि गणतंत्र दिवस के बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को दो बार रद्द किया गया। पहला 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था और दूसरी बार 2009 में जब देश के आंठवे राष्‍ट्रपति वेंकटरमन की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।

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