दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे (Delhi-Dehradun Expressway) का आंशिक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है। एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव के निरीक्षण के बाद केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान(सीआरआरआई) की टीम ने एक्सप्रेस-वे का स्थलीय सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे में मार्ग के निर्माण में तकनीकी खामियों एवं डिजायन को लेकर बारीकी से जांच की गई।
सर्वे रिपोर्ट में फिलहाल कोई खामियां नहीं मिली है। आशिंक मार्ग को वाहनों के लिए जनवरी 2025 में खोला जाएगा। एनएचएआई के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर इसे खोलने की कवायद तेज कर दी गई है।
एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव ने 27 नवंबर को निरीक्षण के बाद परियोजना निदेशक एवं निर्माण एजेंसी को निर्देश जारी करते हुए ब्यूटीफीकेशनन, साइनेज और पेंटिंग के कार्य पूर्ण करने को कहा था। अधिकारियों ने निर्माण करने वाली कंपनियों को गुणवत्ता के साथ सुरक्षित कार्य करने को एक महीने का समय दिया था। अब यह कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।
2324 करोड़ की लागत से बन रहे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होना था,जो हो गया है। 98-99 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसके चालू होने के साथ ही दिल्ली से देहरादून की दूरी काफी कम हो जाएगी।
छह लेन चौड़े और 31.600 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो पैकेज में किया जा रहा है। छात्रों के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग को कई जगहों पर एफओबी भी बनाए गए हैं।

  • कुल लंबाई-31.600 किलोमीटर
  • कुल लागत- 2423 करोड़
  • पैकेज-एक की लंबाई 14.750 और पैकेज-दो की लंबाई 16.850 किलोमीटर है।
  • पैकेज-एक की लागत 1100 और पैकेज-दो की लागत 1323 करोड़ है।
  • पैकेज-एक की निर्माण एजेंसी मैसर्स गंवार कन्सट्रक्शन और पैकेज-दो की निर्माण एजेंसी मैसर्स गायत्री कन्सट्रक्शन है।
  • कुल चौड़ाई- छह लेन पैकेज-एक में 6.398 किलोमीटर और पैकेज-दो में 11.244 किलोमीटर लंबा एलिवेटिड है।
  • सात अंडर पास,दो आरओबी,17 मेजर और 37 माइनर जंक्शन बनाए गए हैं। 28.39 किलोमीटर स्लिप सर्विस रोड़ का निर्माण किया गया है।
  • पांच लोकेशन पर बस वे बनाया गया है।