आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया CM आवास की ओर कूच, पुलिस से धक्का-मुक्की: एंबुलेंस फंसी

उत्तराखंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को देहरादून में विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च निकाल रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई और कई कार्यकर्ता दीवार फांदकर राजपुर रोड पर उतर आए। करीब 20 मिनट तक राजपुर रोड पर जाम लगा रहा।

देहरादून। वेतन वृद्धि समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च निकला। सीएम आवास की ओर कूच के दौरान पुलिस ने गांधी पार्क के मुख्य गेट को बंद कर दिया और महिला पुलिसकर्मियों ने श्रृंखला बनाकर कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पुलिस में जमकर धक्कामुक्की की।

कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीवार फांदकर राजपुर रोड पर उतर आई और सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने करीब 20 मिनट तक राजपुर रोड पर जाम लगा दिया। इस दौरान जाम में एंबुलेंस भी फंसी रही। जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मार्च करने की अनुमति दी।

इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सीएम आवास से कुछ देर पहले पुलिस ने बेरीकेडिंग लगाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के कार्यालय के पास रोक दिया है। यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही हैं, लेकिन हमारी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।

राज्य सरकार 30 दिन काम करने के बाद भी आंगनबाड़ीकर्मियों को 160 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय देती है, जबकि राज्य के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी भी 700 से 800 रुपए है। इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 300 रुपए किया जाए। सीनियरिटी के हिसाब से प्रतिवर्ष मानदेय में बढ़ोतरी की जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही हैं, लेकिन हमारी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।

राज्य सरकार 30 दिन काम करने के बाद भी आंगनबाड़ीकर्मियों को 160 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय देती है, जबकि राज्य के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी भी 700 से 800 रुपए है। इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 300 रुपए किया जाए। सीनियरिटी के हिसाब से प्रतिवर्ष मानदेय में बढ़ोतरी की जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *