Jhanda Mela 2025 झंडा मेला आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु। देश-विदेश से पहुंचे संगतों ने झंडेजी के दर्शन कर मन्नतें मांगीं। झंडेजी के दर्शन के लिए दरबार साहिब परिसर के अलावा आसपास की दुकानों व घरों की छतों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू होता है मेला
प्रत्येक वर्ष होली के पांचवें दिन चैत्र मास की पंचमी पर दरबार साहिब परिसर में ऐतिहासिक झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू होता है। झंडेजी के आरोहण के अद्भुत पल का दीदार व इस पुण्य को अर्जित करने के लिए तकरीबन दो हफ्ते पहले श्रद्धालुओं के दून पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे यह पल नजदीक आता गया, श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता गया।
फैलती गई जयकारों की गूंज
दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में सुनहरे गोटों युक्त मखमली वस्त्र से सुसज्जित झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई। लकड़ी की कैंचियों के सहारे श्रद्धालुओं ने झंडेजी को धीरे धीरे खड़ा किया। जैसे जैसे झंडेजी उठते गए जयकारों की गूंज भी उतनी ही बढ़ती गई। गुरु महाराज की भक्ति में रंगे बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग हर जगह जयकारों की गूंज रही।
दर्शनी गिलाफ को छूकर मांगी मन्नत
झंडेजी के सबसे बाहर लगने वाला दर्शनी गिलाफ को लेकर जैसे ही राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह का परिवार दरबार साहिब परिसर पहुंचा दर्शनी गिलाफ को छूने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। हर एक इसे छूकर मन्नत मांगता दिखा। हर कोई यही दुआ करते नजर आया कि हमें भी इसका सौभाग्य प्रदान करें।
दरबार साहिब परिसर में मशीन से बरसाए फूल
दरबार साहिब परिसर में मशीन के माध्यम से भी संगत पर पुष्पवर्षा हुई। झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अंत तक अलग-अलग समय पर फूल बरसाए गए। इसके अलावा भी फूलों से भरी टोकरियों से भी श्रद्धालुओं पर जगह जगह पुष्पवर्षा की गई। पुष्पवर्षा होती ही लोग गुरु महाराज के जयकारों से गूंज उठा।
दो घंटा 39 मिनट में दर्शनी गिलाफ चढ़ाने से लेकर आरोहण
झंडेजी के आरोहण से पूर्व विशेष बात यह है कि इस दौरान झंडेजी को जमीन पर नहीं रखा जाता। गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होने के अंत तक संगतें झंडेजी को हाथों में थामे रहती हैैं। इस बार दोपहर 1:30 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई दो घंटा 39 मिनट बाद चार बजकर 19 मिनट पर झंडेजी का आरोहण हुआ।
बाज ने की झंडेजी की परिक्रमा
हर वर्ष की तरह इस बार भी एक बाज ने झंडेजी व दरबार साहिब की परिक्रमा की। श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर गुरु महाराज के जयकारे लगाए। झंडेजी के आरोहण के दौरान बाज की इस उपस्थिति को श्री गुरु राम राय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति माना जाता है।
इंटरनेट मीडिया से भी देखा सजीव प्रसारण
झंडेजी के आरोहण के सजीव प्रसारण के लिए श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति ने परिसर में पांच बड़ी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की थी। जो किसी कारणवश आयोजन स्थल तक नहीं जा सके, उन्होंने दरबार साहिब के जारी किए स्कैन कोड, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से सजीव प्रसारण देखा। वहीं, दरबार साहिब में ड्रोन कैमरे से कवरेज की गई।
संगत के लिए लगाया जगह-जगह लंगर व भंडारा
शहर में दिनभर विभिन्न जगहों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर चलते रहे। मातावाला बाग चौक, सहारनपुर चौक, जैन धर्मशाला, तिलक रोड, दर्शनी गेट, दरबार साहिब परिसर, हनुमान चौक पर भंडारे की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने पानी, जूस, फल, हलुआ, कढ़ी चावल का प्रसाद वितरित किया।
पवित्र सरोवर में डुबकी लगाकर कमाया पुण्य
दरबार साहिब परिसर में स्थित पवित्र सरोवर परिसर में गुरु महाराज के भजन करने वाली टीम सरोवर से ही भजनों का गुणगान करती रही। इसके अलावा हर कोई इस सरोवर में डुबकी लगाता नजर आया। पवित्र सरोवर के पास जाने वालों ने भी हाथ जोड़कर मन्नत मांगी।
नगर परिक्रमा कल, छह तक रहेगा मेला
कल शुक्रवार को दरबार साहिब के सज्जादाशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में नगर परिक्रमा निकाली जाएगी। सुबह साढ़े सात बजे दरबार साहिब से विभिन्न क्षेत्र होते हुए दोपहर ढ़ाई बजे वापस दरबार साहिब पहुंचकर संपन्न होगी।वहीं छह अप्रैल रामनवमी के दिन झंडा मेले का समापन होगा।
मेले में उमड़ी खरीदारों की भीड़
झंडे मेले के पहले दिन दुकानों में भी खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। कास्मेटिक, क्राकरी, कपड़े, साज सज्जा व दैनिक उपयोग में आने वाले सामान की खूब खरीदारी हुई। इसके अलावा झंडेजी पर माथा टेकने व प्रसाद चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके लिए सहारनपुर चौक से लेकर आढ़त बाजार तक विभिन्न जगहों पर खील बतासे, चने आदि प्रसाद की दुकानें सजाई गई।
कब क्या हुआ
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- सुबह 8:00 बजे झंडेजी (ध्वज दंड) को उतारने की रस्म शुरू हुई।
- 08:30 बजे झंडेजी को उतारा गया। पुराने गिलाफ उतारने का क्रम शुरू हुआ।
- 10: 00 बजे झंडेजी को दूध, दही, घी, गंगाजल से स्नान कराया गया।
- 11:40 बजे सादे गिलाफ व शनील के गिलाफ चढ़ाए गए।
- 01:30 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू
- 02:18 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया।
- 03:42 बजे दरबार साहिब के सज्जानदानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगत को आशीर्वाद दिया।
- 03:44 बजे दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने आरोहण शुरू करने का संदेश दिया।
- 04:10 बजे झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू
- 04:19 बजे श्री गुरु महाराज के जयकारों के साथ झंडेजी का आरोहण।
- 5:00 बजे के बाद बाहर से आई संगतों के विदा होने का क्रम शुरू।
देशवासियों पर बनी रहे श्री गुरु राम राय जी महाराज की कृपा: श्रीमहंत
दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने देश व प्रदेशवासियों को झंडा महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रेम, सद्भावना, अमन-चैन,भाईचारा का संदेश देने वाला मेला है। झंडेजी के समक्ष शीश नवाने से हर किसी की मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है दूनवासी के अलावा संगत की झंडेजी के प्रति आस्था बढ़ रही है। उन्होंने मेले में आई संगतों पर श्री गुरु राम राय जी महाराज की कृपा सदैव बनी रहने की कामना की। श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस, प्रशासन का आभार जताया।
जाम से आमजन परेशान
झंडेजी के आरोहण के दौरान दरबार साहिब व परिसर संगत से पैक रहा। इस दौरान सहारनपुर चौक, मातावाला बाग चौक, पलटन बाजार तक दोपहर को जाम की स्थिति बनी रही। पैदल चलने वाले भी परेशान रहे। झंडेजी के आरोहण के बाद जब लोग बाहर निकले तो सहारनपुर चौक के पास जाम लग गया।
गुरु महाराज की कृपा से मिला दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का मौका
इस बार ग्राम व पोस्ट लधाना जिला चिक्का नवाशहर पंजाब के दो भाई राजेंद्र पाल सिंह व सतनाम सिंह के परिवार ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। दोनों व्यापारी भाई फिलीपींस की राजधानी मनीला में रहते हैं। उन्होंने बताया कि 100 वर्ष पूर्व उनके दादाजी ने परिवार ने सुख- समृद्धि के लिए दर्शनी गिलाफ की बुकिंग की थी। गुरु महाराज की कृपा है कि उनका नंबर आया है। हम इसे सौभाग्य समझते हैं। कहा कि हम बचपन से ही दरबार साहिब आते हैं इसलिए यहां आकर मन को सुकून मिलता है। इस मौके पर राजेंद्र पाल की पत्नी रेशम कौर, सतनाम की पत्नी गुरमीत कौर भी मौजूद रहे।