उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश में चल रहे सहकारिता चुनावों की चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए विभाग पर सत्ता पक्ष के दबाव में मनमानी प्रक्रिया अपनाने का आरोप लगाया है।

निर्वाचन प्राधिकरण को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सहकारिता चुनावों की पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है। उन्होंने कहा िक निर्वाचन प्राधिकरण देहरादून के कार्यालय आदेश पत्रांक 497-507/सव निव प्राव/सह0 नि0 अधि0/2024-2025, दिनांक 25 जनवरी, 2025 एवं कार्यालय संख्या 520-25 दिनांक 25 जनवरी 2025 के द्वारा घोषित प्रदेश की बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों की प्रबंध कमेटी के सदस्यों के निर्वाचन दिनांक 24.02.2025 एवं अध्यक्ष व अन्य संस्थाओं के चुनाव होने थे जिसमें दिनांक 15.02.25 को 3 बजे तक नामांकन पत्रों की बिक्री होनी थी। जोकि संचालन समिति में रहते हैं लेकिन नामांकन पत्रों के बिक्री के दिन मतदाता सूची में परिवर्तन कर अधिसूचना होने के 45  दिन पहले और 3 साल पूर्व के बाद जो कि 2021 के बाद जिन्होंने समिति में लेन-देन किया है वही सफल मतदाता/सदस्य होगे। इस प्रक्रिया में उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए 2021 से पूर्व के नियमित सदस्यो को हटा दिया गया है। परन्तु नियमित सदस्य जो स्थायी सदस्य जिनका 2021 के बाद समिति में लेन-देन नहीं हुआ का जान बूझ कर मतदाता सूची से नाम काट कर समिति की चुनावी प्रक्रिया को सता पक्ष की ओर करना प्रतीत होता है।

करन माहरा ने संचालन समिति की आवेदन की तिथि 15.02.25 से बढ़ा कर 20.02.2025 करने की मांग की है ताकि निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी हो सके।

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