हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए सरकार ने मांगा एमआई-17, वायुसेना को लिखा पत्र

आपातकालीन स्थिति को देखते हुए जोशीमठ, रविग्राम और गोविंदघाट में हेलिपैड तैयार किए गए हैं, ताकि मौसम खुलने पर हवाई सेवा के जरिये बचाव अभियान चलाया जा सके।

चमोली जिले के माणा के पास हुए हिमस्खलन में फंसे 25 श्रमिकों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने भारतीय वायु सेना के एमआई-17 की मांग की है। घटना के फौरन बाद राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सारी जानकारी ली और बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने वायुसेना को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस बीच एम्स की हेली एंबुलेंस को भी तैयार रखा गया है। शाम पांच बजे तक सेना व आईटीबीपी ने 32 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

अभी भी 25 श्रमिक वहां फंसे हैं और खराब मौसम के कारण बचाव अभियान बाधित हो रहा है। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए जोशीमठ, रविग्राम और गोविंदघाट में हेलिपैड तैयार किए गए हैं, ताकि मौसम खुलने पर हवाई सेवा के जरिये बचाव अभियान चलाया जा सके। इस बीच बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए देहरादून, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग से एनडीआरएफ की टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हेलिकॉप्टर की भी मदद लेकर रेस्क्यू में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय संपर्क कर उन्हें हर संभव मदद करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, विनय शंकर पांडेय आदि मौजूद थे।आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को रवाना किया

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के समीप हिमस्खलन की सूचना मिली थी। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है।

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