Doon Mussoorie Ropeway दून-मसूरी रोपवे परियोजना में अपर टर्मिनल पर स्टील बाइंडिंग का काम शुरू हो गया है। 26 में से 20 टावर बन रहे हैं। गांधी चौक से रोपवे तक पहुंचने के लिए मार्ग निर्माण जारी है। दून-मसूरी रोप-वे की अधिकतम रफ्तार छह मीटर प्रति सेकेंड होगी। 2026 के अंत तक रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा जानिए पूरी डिटेल।
मई से जुलाई तक रोज 25 हजार पर्यटक पहुंचते हैं मसूरी
पर्यटन सीजन के दौरान मई से जुलाई तक रोज 25 हजार से अधिक पर्यटक राजधानी से मसूरी पहुंचते हैं। सीजन में पर्यटक और वाहनों की भीड़ होने के कारण अक्सर मसूरी में क्षमता से अधिक लोग पहुंच जाते हैं और वहां जाम की समस्या बन जाती है। देहरादून-मसूरी मार्ग भी अधिकतर पैक रहता है।
15 मिनट में होगा सफर
दून-मसूरी रोपवे का सफर बेहद रोमांचक होगा। पहाड़ों के बीच से होते हुए पर्यटक मात्र 15 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे। एक बार में एक तरफ से 1300 पर्यटक को ले जाने की क्षमता होगी। आमतौर पर निजी वाहन से देहरादून से मसूरी पहुंचने में करीब 1.5 घंटे का समय लगता है। देहरादून से मसूरी की सड़क से दूरी 33 किमी है, जबकि रोप-वे से यह सफर सिर्फ 5.5 किमी का होगा।
फ्रांस से आएंगे रोप और केबिन
रोप-वे के रोप और केबिन सहित सभी संसाधन यूरोप के शहर फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। एक केबिन में एक साथ 10 पर्यटक के बैठने की क्षमता होगी। केबिन के दरवाजे आटोमैटिक खुले और बंद होंगे। शुरुआत में 55 केबिन मंगाए जा रहे हैं। इसके बाद इनकी संख्या 71 होगी।
छह मीटर प्रति सेकेंड रफ्तार और रेस्क्यू मोड से होगी लैस
दून-मसूरी रोप-वे की अधिकतम रफ्तार छह मीटर प्रति सेकेंड होगी। लेकिन मौसम खराब होने पर इसमें रेस्क्यू मोड होगा। जिसे चालू करते ही इसकी स्पीड अपने आप मौसम के अनुसार कम हो जाएगी। रोप-वे का पूरा संचालन आनलाइन होगा। इसके लिए बकायदा फ्रांस से एक टीम आएगी, जो रोप-वे का संचालन करने वाले लोगों को प्रशिक्षित करेगी।
दून-मसूरी रोप-वे का कार्य तेजी से चल रहा है। अधिकांश टावर का निर्माण हो चुका है। उम्मीद है कि साल 2026 के अंत तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य की निरंतर निगरानी की जा रही है, ताकि समय से गुणवत्तापरक कार्य हो। – सचिन कुर्वे, सचिव उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, देहरादून।