Chaitra Navratri 2025 चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत रविवार से हो रही है। इस बार आठ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह पड़ रहा है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने और मां दुर्गा की पूजा करने से सुख समृद्धि और धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
इस कारण द्वितीया व तृतीया एक दिन
आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, इस बार तृतीया तिथि की क्षय होने के कारण द्वितीया और तृतीया एक ही तारीख 31 मार्च को है। उस दिन दो देवी मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है।
इस तरह होगी मां दुर्गा की पूजा
- 30 मार्च: प्रथम, शैलपुत्री
- 31 मार्च: द्वितीया व तृतीया, ब्रह्मचारिणी व चंद्रघंटा
- 01 अप्रैल: चतुर्थ, कूष्मांडा
- 02 अप्रैल: पंचम, स्कंदमाता
- 03 अप्रैल: षष्ठी, कात्यायनी
- 04 अप्रैल: सप्तम, कालरात्रि
- 05 अप्रैल: अष्टमी, महागौरी
- 06 अप्रैल, नवमी, सिद्धिदात्री
घटस्थापना पूजा विधि
कलश स्थापना अथवा घट स्थापना सबसे पहले प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल की सजावट करें व चौकी रखें। कलश में जल भरकर रखें। इसके बाद कलश को कलावा से लपेट दें।
फिर कलश के ऊपर आम व अशोक के पत्ते रखें। इसके बाद नारियल को लाल कपड़े से लपटे कर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा की आराधना करें। शास्त्रों में मां दुर्गा के पूजा-उपासना की बताई गई विधि से पूजा प्रारंभ करें।
बाजारों में उमड़ रही खरीदारों की भीड़
नवरात्र पर पूजा का सामान लेने के लिए बाजार में खरीदारों की भीड़ उमडऩी शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को सहारनपुर चौक, पटेलनगर, हनुमान चौक, करनपुर बाजार, प्रेमनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों में लोगों ने मूर्ति, शृंगार किट, नारियल, धूप, दीये, कलश, जौ बोने के लिए पात्र आदि की खरीदारी की। इसके अलावा व्रत का सामान भी खरीदा।