उत्तराखंड के पर्वतीय इलाको से निरंतर पलायन का दौर जारी है ,सुचना के अनुसार अभी तक उत्तराखड के कई पर्वतीय क्षेत्रो में गांव खाली हो चले है ,जिसे लेकर सरकार की यह एक नई मुहीम मील के पत्थर साबित हो सकती है उत्तराखंड में पलायन के कारण निर्जन हुए गांवों में फिर से रौनक लौटेगी। इन्हें जीवंत बनाने के दृष्टिगत सरकार अब कसरत में जुट गई है। पर्यटन की दृष्टि से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रथम चरण में कुछ निर्जन गांवों को गोद देने की तैयारी है। गोद दिए जाने वाले पूरे गांव को होम स्टे कम होटल के रूप में विकसित किया जाएगा।
पर्यटन एवं पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार इस संबंध में कुछ प्रस्ताव आए हैं। इसे देखते हुए संबंधित प्रवासियों की सहमति समेत अन्य सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन चल रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी निर्जन गांव गोद दिए जाएंगे, वहां भवनों का जीर्णाेद्धार परंपरागत पहाड़ी शैली में ही होगा, लेकिन भीतर आधुनिकता का समावेश रहेगा।