Maha Shivratri 2025 महाशिवरात्रि पर 60 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है जिसमें तीन ग्रहों की युति बन रही है। त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग जैसे विशेष ग्रह योग बनेंगे। इस योग में शिव साधना करने वालों को मनोवांछित फल मिलेगा। महाशिवरात्रि में रात्रि के पूजन का विधान है इसलिए बुधवार को रात में महादेव का पूजन किया जाएगा।
महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। प्रेमनगर में कल से दो दिवसीय शिवरात्रि मेला: महावीर सेवा समिति की बैठक में समिति के प्रधान रविंद्र माकिन ने कहा कि शिवरात्रि मेला बुधवार से दशहरा ग्राउंड में शुरू होगा।
दिन में 11 बजकर आठ मिनट पर शुरू हो जाएगी चतुर्दशी
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर सुशांत राज के अनुसार, यह दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बुधवार को दिन में 11 बजकर आठ मिनट से शुरू होकर गुरुवार को सुबह आठ बजकर 54 मिनट तक रहेगी।
रात्रि के पूजन का विधान है
आज मध्यरात्रि से भोलेनाथ के जयकारों से गूंजेंगे शिवालय
महादेव की उपासना एवं साधना का पर्व महाशिवरात्रि बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन श्रद्धालु दिनभर शिवालयों में जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए मंदिरों को फूलों व रंग-विरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। भजन-कीर्तन मंडली भी तैयारियां कर रही हैं। मंदिरों में जलाभिषेक व रुद्राभिषेक के दौरान अधिक भीड़ की संभावना को लेकर सेवादार तैनात किए जाएंगे। प्रथम पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम छह बजकर नौ मिनट से शुरू होगा।
ऐतिहासिक श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर गढ़ी कैंट, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, जंगम शिवालय पलटन बाजार, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, नर्वदेश्वर मंदिर डालनवाला, प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर, श्री सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर, आदर्श मंदिर पटेलनगर, शिव मंदिर राजपुर रोड समेत शहर के विभिन्न मंदिरों में शिवरात्रि की तैयारी जोरों पर है।
श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में 2,100 दीयों की रंगोली सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के सेवादार संजय गर्ग ने बताया कि मध्यरात्रि से हरिद्वार से लाए गंगाजल व अन्य सामग्रियों से महादेव का सामूहिक रुद्राभिषेक होगा। शाम को 2,100 दीयों की रंगोली सजेगी। इसके अलावा दिनभर भजन-कीर्तन की प्रस्तुति चलती रहेगी। जलाभिषेक के दौरान सुबह सेवादार भी सहयोग करेंगे।
11 हजार लीटर केसर दूध का लगेगा भोग